अयोध्यासिंह उपाध्याय हरिऔध वाक्य
उच्चारण: [ ayodheyaasinh upaadheyaay heriaudh ]
उदाहरण वाक्य
- प्रिय प्रवास-अयोध्यासिंह उपाध्याय हरिऔध
- अयोध्यासिंह उपाध्याय हरिऔध की इन पंक्तियों में युगबोध प्रासंगिक है-' झलकने प्रति-केलि-थली लगी।
- अगर हम क्रान्तिकारी कवियों की बात करें तो “सियारामसरन गुप्त, श्रीधर पाठक, अयोध्यासिंह उपाध्याय हरिऔध आदि में भारतेन्दु जी का नाम मुख्य है उन्होंने अपनी कविता में अंग्रेजों की चाटुकारिता करने वाले शासकों को धिक्कारा है.
- अगर हम क्रान्तिकारी कवियों की बात करें तो ” सियारामसरन गुप्त, श्रीधर पाठक, अयोध्यासिंह उपाध्याय हरिऔध आदि में भारतेन्दु जी का नाम मुख्य है उन्होंने अपनी कविता में अंग्रेजों की चाटुकारिता करने वाले शासकों को धिक्कारा है.
- अगर हम क्रान्तिकारी कवियों की बात करें तो “सियारामसरन गुप्त, श्रीधर पाठक, अयोध्यासिंह उपाध्याय हरिऔध आदि में भारतेन्दु जी का नाम मुख्य है उन्होंने अपनी कविता में अंग्रेजों की चाटुकारिता करने वाले शासकों को धिक्कारा है.”गले बाँधि इस्टार सब, जटित हीर मनि कोर,धावहु धावहु दौरि के कलकत
- पं. श्रीधर पाठक से लेकर अयोध्यासिंह उपाध्याय हरिऔध, मैथिलीशरण गुप्त, नाथूराम शंकर शर्मा, रायदेवी छायावाद पूर्ण और लोचन प्रसाद पाण्डेय आदि खड़ीबोली के छोटे-बड़े कवि रचनाकारों के साथ स्वयं महावीर छायावाद द्विवेदी की आरम्भिक खड़ीबोली रचनाएँ ब्रजभाषा के प्रभाव से एकदम अछूती नहीं है।
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